"फिजिकल पज़ेशन" और "सिंबॉलिक पज़ेशन" में कौन सा बेहतर है ?

"फिजिकल पज़ेशन" और  "सिंबॉलिक पज़ेशन" में कौन सा बेहतर है ?
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1) क्या होता है फिजिकल पज़ेशन (Physical Possession)?
बैंक नीलामी के दौरान प्रॉपर्टी खरीदते समय "फिजिकल पज़ेशन" (Physical Possession) एक बेहद अहम पहलू होता है। इसका मतलब होता है कि बैंक ने उस प्रॉपर्टी का वास्तविक कब्जा ले लिया है, यानी वह प्रॉपर्टी अब पूरी तरह खाली है और उस पर किसी उधारकर्ता, किराएदार या तीसरे व्यक्ति का कब्जा नहीं है।

जब कोई प्रॉपर्टी फिजिकल पज़ेशन में होती है, तो खरीदार को उसे नीलामी जीतने के तुरंत बाद सीधा कब्जा मिल सकता है। ऐसी संपत्तियों में आमतौर पर कोई कानूनी विवाद या बेदखली की जरूरत नहीं होती, जिससे ट्रांजैक्शन तेज़ और सरल हो जाता है।

फायदे:
• प्रॉपर्टी तुरंत आपके उपयोग में लाई जा सकती है
• किसी को बेदखल करने की ज़रूरत नहीं
• कोर्ट-कचहरी या पुलिस की प्रक्रिया से बचा जा सकता है
• कब्जा मिलने में समय नहीं लगता
• कम जोखिम और ज्यादा पारदर्शिता


इसके विपरीत, अगर प्रॉपर्टी "सिंबॉलिक पज़ेशन" में हो, तो उसमें कब्जा मिलने में कई बार महीनों लग जाते हैं और आपको कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए, अगर आप बैंक नीलामी से संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं और चाहते हैं कि बिना किसी देरी या परेशानी के कब्जा मिले, तो फिजिकल पज़ेशन वाली प्रॉपर्टी सबसे अच्छा विकल्प मानी जाती है

2) क्या होता है सिंबॉलिक पज़ेशन (Symbolic Possession)?
बैंक नीलामी में "सिंबॉलिक पज़ेशन" का मतलब होता है कि बैंक ने किसी प्रॉपर्टी का कब्जा कागज़ी रूप में ले लिया है, लेकिन असली (फिजिकल) कब्जा अभी तक नहीं मिला है। यानी उस प्रॉपर्टी में अब भी उधारकर्ता, किराएदार या कोई अन्य व्यक्ति रह रहा है।

ऐसे मामलों में बैंक आमतौर पर SARFAESI एक्ट के तहत नोटिस जारी करता है और कब्जा लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू करता है। हालांकि, जब तक बैंक को कोर्ट या जिला मजिस्ट्रेट की सहायता से असली कब्जा नहीं मिलता, वह संपत्ति केवल "सिंबॉलिक" कब्जे में मानी जाती है।

सिंबॉलिक पज़ेशन में आने वाली चुनौतियाँ:
1. कब्जा मिलने में देर: खरीदार को नीलामी जीतने के बाद भी कब्जा मिलने में कई महीने या साल लग सकते हैं।
2. लीगल प्रक्रिया: कब्जा लेने के लिए कोर्ट केस या पुलिस सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
3. प्रॉपर्टी का उपयोग संभव नहीं: जब तक कब्जा नहीं मिलता, तब तक आप उसमें न तो रह सकते हैं और न ही किराए पर दे सकते हैं।
4. अतिरिक्त खर्च: वकील, कोर्ट फीस और अन्य कानूनी खर्च भी आ सकते हैं।


 क्या करना चाहिए?
अगर आप सिंबॉलिक पज़ेशन वाली प्रॉपर्टी खरीदने का सोच रहे हैं, तो नीलामी से पहले बैंक से यह ज़रूर पूछें:
• कब्जा लेने की प्रक्रिया कहां तक पहुँची है?
• अनुमानित टाइमलाइन क्या है?
• क्या कोई केस कोर्ट में चल रहा है?

सिंबॉलिक पज़ेशन में प्रॉपर्टी सस्ती मिल सकती है, लेकिन उसमें रिस्क और इंतज़ार ज़्यादा होता है। यदि आप जल्दी कब्जा पाना चाहते हैं, तो फिजिकल पज़ेशन वाली प्रॉपर्टी बेहतर विकल्प है।